नरक चतुर्दशी के दिन क्या करें और क्या न करें

नरक चतुर्दशी के दिन दीपक को कैसे जलाएं:

शास्त्रों के अनुसार, नरक चतुर्दशी के दिन यम के नाम के दीपक जलाने की परंपरा है। इस दिन चौमुखा दीपक बनाकर घर की महिलाएं रात के समय तिल या सरसों का तेल डालकर चार बत्तियों वाला दीपक जलाती हैं।

नरक चतुर्दशी में कितने दिए जलाए जाते हैं?

नरक चतुर्दशी के दिन कितने दीये जलाए जाते हैं: नरक चतुर्दशी के दिन 14 दीये जलाए जाते हैं। एक दीया घर के पूजा पाठ वाले स्थान, दूसरा रसोई घर में, तीसरा उस जगह जलाना चाहिए जहां हम पीने का पानी रखते हैं, चौथा दीया पीपल या वट के पेड़ तले रखना चाहिए। वहीं पांचवां दीया घर के मुख्य द्वार पर जलाना चाहिए।शेष उपलब्ध स्थान पर जला सकते है

यम का दीपक कब जलाना चाहिए?

छोटी दिवाली पर प्रदोष काल में यम का दीपक जलाने का विधान है।यह दीपक मृत्यु के देवता यमराज के लिए जलाया जाता है।छोटी दिवाली को नरक चतुर्दशी भी कहते हैं।कहते हैं कि इस दिन यमराज से प्रार्थना करते हैं कि वे नरक का द्वार बंद कर दें, ताकि परिवार का कोई भी सदस्य अकाल मृत्यु का शिकार न हो।

दीपक जलाते समय पढ़ें ये मंत्र

शुभं करोति कल्याणम् आरोग्यम् धनसंपदा। शत्रुबुद्धिविनाशाय दीपकाय नमोस्तुते।। दीपो ज्योति परंब्रह्म दीपो ज्योतिर्जनार्दन:। दीपो हरतु मे पापं संध्यादीप नमोस्तुते।।

नरक चतुर्दशी के दिन क्या नहीं करना चाहिए?

दिवाली के दोनों दिनों में तेल का दान नहीं करना चाहिए. इस दिन तेल का दीपक जलाया जाता है।इसके अलावा नरक चतुर्दशी के दिन दक्षिण दिशा में गंदगी न डालें।ये दिशा यमराज और पितरों की दिशा मानी गई है।

अकाल मृत्यु से बचने का दिन है- नरक चतुर्दशी

नरक चतुर्दशी

पुराणों के अनुसार नरक चतुर्दशी के दिन भगवान श्री कृष्ण ने नरकासुर का वध किया था इसी खुशी में प्रजा ने दीपक जलाए थे । आचार्य एसटलोजरस के अध्यक्ष पंडित गौरव आचार्य अनुसार नरक चौदस यानी की छोटी दीपावली के दिन श्री कृष्ण, शक्ति, हनुमान जी, यम का पूजन करने का विधान है यह यमराज को प्रसन्न करने का भी दिन है। जिसका उद्देश्य नर्क से मुक्ति पाना भी है क्योंकि यमराज के रुष्ट होने से प्राणी को नर्क में दी जाने वाली यातनाओं को भी भोगना पड़ता है दैत्यराज बली के वामन भगवान से मांगे वरदान के अनुसार उस दिन जो भी व्यक्ति यमराज को दीपदान करता है उसको यम यातना नहीं होती

चतुर्दशी को महरात्रि माना गया है इसलिए इसमें शक्ति के उपासक शक्ति की पूजा करते हैं तथा मंत्र भी सिद्ध करते हैं। इस दिन शरीर पर तिल के तेल की मालिश करने का विधान है तथा अपामार्ग मिश्रित जल से स्नान करने से यम का भय नहीं होता है यद्यपि कार्तिक स्नान करने वाले भक्तों को कार्तिक मास में तेल का स्नान नहीं करना चाहिए परंतु नरक चतुर्दशी को इसका दोष नहीं लगता है आज ही के दिन कार्तिक कृष्ण चतुर्दशी को अर्धरात्रि में अंजना के गर्भ से हनुमान जी का जन्म हुआ था । शास्त्रों में चैत्र शुक्ल पूर्णिमा को भी हनुमान जन्म का उल्लेख मिलता है परंतु आज के दिन सीता जी ने हनुमान जी को सिंदूर देकर आशीर्वाद दिया था कि इसको धारण करो और अजय अमर रहो इसी कारण से भी हनुमान जी को आज सिंदूर चढ़ाकर विधि विधान से पूजा की जाती है और हनुमान चालीसा सुंदरकांड पंचमुखी कवच आदि का पाठ किया जाता

आज ही के दिन प्रदोष काल में तेल से भरे हुए 14 दीपक पूजन कर मंदिर बाग बगीचा आज में दीपदान करें इससे यमराज संतुष्ट होते हैं तथा दीपकों में तिल भी रखें। इससे यमराज संतुष्ट होते हैं 

लिंग पुराण के अनुसार चार बत्तियों का दीपक प्रचलित करके दीपदान करना चाहिए तथा इस समय प्रज्वलित शलाका (आतिशबाजी में प्रयुक्त फुलझड़ी आदि) लेकर दान करने से अकाल मृत्यु हुई परिजनों को सद्गति प्राप्त होती है।

धनतेरस क्यों और कब मनाएँ

धनतेरस/ धन्वंतरि जंयती

दिवाली (Diwali) के पांच दिनों के त्‍योहार की शुरुआत धनतेरस (Dhanteras) के दिन से होती है. कार्तिक मास की कृष्‍ण पक्ष की अमावस्‍या तिथि को धनतरेस का त्‍योहार मनाया जाता है. मान्‍यता है कि इस दिन आयुर्वेद के भगवान धन्‍वंतरि का जन्‍म हुआ था. धन्‍वंतरि भगवान का जन्‍म त्रयोदशी तिथि के दिन होने के कारण इस दिन को धनत्रयोदशी और धनतेरस जैसे नाम से जाना जाता है. इस साल धनतेरस का त्‍योहार 10 नवंबर को है. इस दिन भगवान धन्‍वंतरि के साथ माता लक्ष्‍मी और कुबेर की भी पूजा की जाती है. साथ ही लोग बर्तन, सोना-चांदी और झाड़ू वगैरह खरीदते हैं. आइए आपको बताते हैं कि इस दिन से जुड़ी खास बातें.

कौन हैं भगवान धन्‍वंतरि

भगवान धन्‍वंतरि को नारायण का ही अवतार माना जाता है. वे औषधि के जनक माने गए हैं. मान्‍यता है कि समुद्र मंथन के दौरान कार्तिक मास की कृष्‍ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि पर भगवान धन्‍वंतरि का जन्‍म हुआ था. सृष्टि में चिकित्सा विज्ञान के विस्तार के लिए ही भगवान विष्णु ने धन्वंतरि का अवतार में जन्म लिया था. इसके दो दिन बाद माता लक्ष्मी प्रकट हुई थीं. इसलिए धनतेरस के दो दिन बाद लक्ष्‍मी पूजन का त्‍योहार दीपावली मनाया जाता है. धनतेरस के दिन भगवान धन्‍वंतरि की पूजा करने से व्‍यक्ति को निरोगी काया मिलती है, साथ ही परिवार से दुख और दरिद्र दूर हो जाता है.

शुभ महु्र्त

धनतेरस के दिन यानी 10 नवंबर को दोपहर 12:35 बजे से त्रयोदशी तिथि शुरू होगी. हस्त नक्षत्र और शुक्रवार का दिन होने के कारण धनतेरस का महत्‍व काफी बढ़ गया है. इस दिन भगवान धन्‍वंतरि की पूजा शाम के समय की जाएगी. आप शाम 05:40 बजे से रात 09:51 बजे तक भगवान धन्‍वंतरि की पूजा कर सकते हैं. पूजा के बाद शाम के समय घर के मुख्य द्वार पर दक्षिण दिशा में सरसों के तेल का दीपक जलाया जाता है.

धनतेरस पूजा विधि

धनतेरस की शाम के समय उत्तर दिशा में कुबेर, धन्वंतरि भगवान और मां लक्ष्मी की तस्‍वीर एक चौकी पर रखें. घी का दीपक जलाएं. धूप, पुष्‍प, अक्षत, रोली, चंदन, वस्‍त्र आदि अर्पित करें. धन्वंतरि मंत्रों का जाप करें और धन्वंतरि स्तोत्र का पाठ करें. इसके बाद आ‍रती करें और घर के बाहर मुख्य द्वार पर और आंगन में दीप जलाएं.  

राशिफल 28 जुलाई 2023

दैनिक राशिफल के अनुसार, आज यानी 28 जुलाई 2023, शुक्रवार का दिन कुछ राशियों के लिए तनावपूर्ण रहने वालाहै। आज कुछ राशियों को वादविवाद का सामना करना पड़ सकता है। वहीं कुछ राशियों व्यवसाय क्षेत्र में आर्थिक मददप्राप्त होगा। पंचांग के अनुसार, आज श्रावन मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि शाम 04 बजकर 21 मिनट तक रहेगाऔर इसके बाद शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि की शुरुआत हो जाएगी। आइए पंडित गौरव आचार्य जी से जानते हैं, सभीराशियों के लिए शुक्रवार का दिन, कैसा रहने वाला है?

मेषआज आपका दिन अच्छा रहने वाला है। व्यापारव्यवसाय में आपको लाभ होगा। परिवार में मांगलिक कार्यक्रमहोंगे। किसी धार्मिक यात्रा पर जा सकते हैं। विरोधी वर्ग से सावधान रहें। अपनो का पूर्ण सहयोग मिलेगा। कोई बड़ा कार्यआज आपका पूर्ण हो सकता है।

वृषभआज के दिन आप अपने जीवन में कोई विशेष निर्णय ले सकते हैं। शिक्षा के क्षेत्र में आज नया सत्र आप शुरू करसकते हैं। स्वास्थ्य ठीक रहेगा। व्यापारव्यवसाय में आर्थिक मदद मिलेगी। रुका हुआ धन प्राप्त होगा। परिवार में लोगआपको मानसम्मान देंगे। पत्नी से मधुर संबंध होंगे।

मिथुनआज आपका दिन परेशानियों से भरा रह सकता है। आपका पुराना कोई विवाद फिर से सामने सकता है, जिसकारण आपको परेशानी उठाना पड़ सकता है। आज कार्यक्षेत्र में आर्थिक स्थिति में आप गिरावट महसूस करेंगे। नया कार्यशुरू करें। शेयर मार्केट का काम यदि कर रहे हैं तो आज का दिन आपके लिए ठीक नहीं है। कोई बड़ा जोखिम नाउठाएं। परिवार में मतभेद की स्थिति बनेगी। लेकिन आपका सम्मान बरकरार रहेगा।

कर्कआज आपका दिन सामान्य रहेगा। आप आपने को स्वस्थ महसूस करेंगे। व्यापारव्यवसाय में कोई विशेष व्यक्तिके मिलने से लाभ होगा। आप किसी धार्मिक यात्रा पर जा सकते हैं। वादविवाद से आज आप दूर रहें नहीं तो आपकोनुकसान उठाना पड़ सकता है।

सिंहआज का दिन आपके लिए अच्छा रहने वाला है। किसी कार्य विशेष के लिए यदि आप सोच रहे हैं तो उसको पूराकरने में आपको सफलता मिलेगी। न्यायालय पक्ष में यदि कोई विवाद चल रहा है तो आज उसमें आपको सफलतामिलती दिखाई देगी। व्यापारव्यवसाय में आर्थिक लाभ मिलेगा। कुछ नए पार्टनर के साथ आज आप समझौता कर सकतेहैं। परिवार में माहौल अच्छा रहेगा।

कन्याआज का दिन भागदौड़ से भरा रह सकता है। कार्यक्षेत्र में आज परिवर्तन हो सकता है, जिसके चलते बाहर भीजाना पड़ सकता है। यात्रा आदि में सावधानी बरतें। वाहन आदि का उपयोग संभालकर करें। स्वास्थ्य बिगड़ सकता है।किसी व्यक्ति विशेष से झगड़ा हो सकता है। व्यापार में नुकसान उठाना पड़ सकता है।

तुलाआज के दिन आप प्रशासनिक कार्य में उलझ सकते हैं। कोई पुराना विवाद सामने सकता है। परिवार में पैतृकसंपत्ति को लैकर विवाद की स्थिति निर्मित हो सकती है। व्यापारव्यवसाय में हानि हो सकती है। वाहन आदि के उपयोग मेंसावधानी बरतें।

वृश्चिकआज के दिन आपको अपने स्वास्थ्य में गिरावट महसूस होगी। काम की अधिकता के कारण मानसिक तनाव शारीरिक थकावट महसूस होगी। किसी काम के चलते आपको लम्बी यात्रा पर जाना पड़ सकता है। किसी अपने केकारण आज आप विवाद से फंस सकते हैं। परिवार में मतभेद उत्पन्न हो सकता है।

धनुआज का दिन बहुत भागदौड़ से भरा रहेगा। किसी कार्य विशेष को लेकर लंबी यात्रा आदि पर जाना पड़ सकता है।वाहन आदि के प्रयोग में सावधानी बरतें नहीं तो चोट लग सकती है। वादविवाद से दूर रहें और व्यापार आदि में आज बड़ाजोखिम ना उठाएं। कोई बड़ा लेनदेन करें बड़ी राशि उधार के रूप में किसी को ना दें। परिवार के लोगों से संबंध मधुररखें और वाणी पर संयम रखें।

मकरआज का दिन आपका उतारचढ़ाव वाला रहेगा। आप कोई नया काम शुरू कर सकते हैं। परंतु विरोधी वर्ग सेसतर्क रहें। बड़ा लेनदेन आप आज करें। किसी काम के लिए आज आपको बाहर जाना पड़ सकता है। यात्रा आदि मेंसावधानी बरतें।

कुंभआज आपका दिन अच्छा रहेगा। स्वास्थ्य में कुछ गिरावट महसूस हो सकती है। मौसम के चलते अपने स्वास्थ्य काध्यान रखें। खानपान पर नियंत्रण रखें। आज आप व्यापारव्यवसाय में बड़ा जोखिम ना उठाएं। किसी लड़की को बड़ीधनराशि उधार के रूप में ना दें। शेयर मार्केट आदि में बड़ा निवेश ना करें। वाहन आदि का उपयोग संभालकर करें।परिवारों में मतभेद दूर होंगे।

मीनआज आप वाहन आदि का प्रयोग संभाल कर करें नहीं तो दुर्घटना घट सकती है। स्वास्थ्य को लेकर आज आपपरेशान रह सकते हैं। परिवार में कोई दुखद समाचार प्राप्त होगा। व्यापारव्यवसाय में शत्रुओं के कारण आपको हानिउठानी पड़ सकती है। आर्थिक स्थिति में गिरावट आएगी। कार्य क्षेत्र में आज परिवर्तन करना आपके लिए ठीक नहीं रहेगा।परिवार में अपनों का सहयोग मिलेगा। इन्हीं बातों को लेकर थोड़ाबहुत मतभेद हो सकता है।

राशिफल 27 जुलाई 2023

ज्योतिष शास्त्र में राशिफल को बहुत ही महत्वपूर्ण माना गया है। बता दें कि राशिफल का आंकलन दैनिक राशिफल केअनुसार, आज यानी 27 जुलाई 2023, गुरुवार का दिन कुछ राशियों के लिए तनावपूर्ण रहने वाला है। आज कुछ राशियोंको व्यापारव्यवसाय में घाटा मिल सकता है। वहीं कुछ राशियों के स्वास्थ्य में उतारचढ़ाव बना रहेगा। पंचांग केअनुसार, आज श्रावन मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि दोपहर 03 बजकर 47 मिनट तक रहेगा और इसके बाद शुक्लपक्ष की दशमी तिथि की शुरुआत हो जाएगी। आइए पंडित गौरव आचार्य जी से जानते हैं, सभी राशियों के लिए गुरुवारका दिन, कैसा रहने वाला है?

मेषआज का दिन आपका उतारचढ़ाव से भरा रहेगा। स्वास्थ्य को लेकर कुछ परेशान रह सकते हैं। व्यापारव्यवसाय मेंनुकसान का सामना करना पड़ सकता है। विरोधी वर्ग सक्रिय होंगे। परिवार में आपसी मतभेद बढ़ सकते हैं। पत्नी सेवादविवाद हो सकता है।

वृषआज का दिन आपका सामान्य रहेगा। सोचे हुए कार्य पूर्ण होंगे। स्वास्थ्य में कुछ उतारचढ़ाव बना रहेगा। परिवार मेंमांगलिक कार्य के योग बनेंगे। व्यापारव्यवसाय में आर्थिक स्थिति बिगड़ सकती है। किसी बात को लेकर परिवार मेंमतभेद की स्थिति निर्मित होगी।

मिथुनआज का दिन आपका अच्छा रहेगा। स्वास्थ्य ठीक रहेगा और व्यापारव्यवसाय में कोई नया कार्य शुरू करेंगे।रुका हुआ धन प्राप्त होगा। परिवार समाज में मानसम्मान बढ़ेगा। परिवार में पैतृक संपत्ति मिलने से मन प्रसन्न रहेगा।

कर्कआज का दिन बहुत अच्छा रहने वाला है। स्वास्थ्य ठीक रहेगा। पत्नी से चल रहे मतभेद दूर होंगे। व्यापारव्यवसायमें लाभ प्राप्त होगा। किसी विशेष व्यक्ति के संपर्क से कोई बड़ा कार्य आपको आज मिल सकता है। परिवार में मानसम्मान बढ़ेगा। कोई सुखद समाचार परिवार में प्राप्त होगा।

सिंहआज के दिन आप किसी वादविवाद में फंस सकते हैं। आपके किसी विशेष कार्य में रूकावट सकती है।स्वास्थ्य बिगड़ सकता है। किसी लंबी यात्रा आदि पर जाने का योग बनेगा। वाहन आदि के चलाने में सावधानी बरतें।पैतृक संपत्ति को लेकर परिवार में मतभेद बढ़ सकता है। व्यापारव्यवसाय में हानी का सामना करना पड़ सकती है।

कन्याआज के दिन आप किसी मानसिक तनाव से गुजर सकते हैं। इन्हीं बातों को लेकर अपने मित्रों या रिश्तेदारों सेवादविवाद भी हो सकता है। व्यापारव्यवसाय में आज आपको हानी हो सकती है। आर्थिक स्थिति में गिरावट महसूसहोगी। परिवार में अपनों से मनमुटाव की स्थिति बनेगी। किसी अपने का दुखद समाचार आज प्राप्त होगा।

तुलाआज के दिन आप अपने स्वास्थ्य के कारण कुछ परेशान रह सकते हैं। किसी लंबी यात्रा पर जाने का योग बनेगा।किसी कार्य विशेष के लिए आज आपको अपने विरोधियों के सामने झुकना पड़ सकता है। व्यापारव्यवसाय में लाभप्राप्त होगा। कोई नया कार्य शुरू कर सकते हैं। परिवार में अपनों का पूर्ण सहयोग प्राप्त होगा।

वृश्चिकआज के दिन आपको अपनों के विरोध का सामना करना पड़ सकता है। स्वास्थ्य में गिरावट महसूस करेंगे।व्यापारव्यवसाय में अपने साथियों से धोखा उठाना पड़ सकता है। कोई नया कार्य शुरू करें। किसी अपरिचित व्यक्तिको उधार ना दें, नहीं तो हानि उठानी पड़ सकती है। परिवार में अपनों से मतभेद बढ़ेंगे। पत्नी से विवाद हो सकता है।

धनुआज के दिन आपका स्वास्थ्य बिगड़ सकता है। आप किसी षड्यंत्र का शिकार हो सकते हैं। व्यापारव्यवसाय मेंहानी हो सकती है। कोई नया कार्य यदि शुरू करना चाहते हैं तो यह समय उपयुक्त नहीं है। परिवार में संपत्ति को लेकरविवाद का माहौल बनेगा। आप अपने मान सम्मान में गिरावट महसूस करेंगे। वाहन आदि को चलाने में सतर्कता रखें।दुर्घटना हो सकती है।

मकरआज का दिन आपका सामान्य रहेगा। स्वास्थ्य में लाभ महसूस करेंगे। किसी अपने का दुखद समाचार प्राप्त होगा।व्यापारव्यवसाय में हानि उठाना पड़ सकती है। कोई नया वाहन आदि आज ना लें नया कार्य शुरू ना करें। परिवार मेंमतभेद की स्थिति पर वादविवाद से दूर रहें। वाणी पर संयम रखें।

कुंभआज का दिन आपका अच्छा रहने वाला है। सोचे हुए कार्य पूर्ण होंगे। किसी विशेष व्यक्ति के मिलने से व्यापार क्षेत्रमें नया कार्य मिल सकता है। जिससे लाभ होगा। परिवार में मांगलिक कार्य का योग बनेगा। परिवार में सभी आपकासम्मान करेंगे। आप अपने परिवार के साथ किसी लंबी यात्रा पर जा सकते हैं। कोई नया मकान वाहन खरीद सकते हैं।

मीनआज का दिन आपका कुछ समस्याओं से भरा रहेगा। स्वास्थ्य में गिरावट महसूस करेंगे। कोई नया कार्य जो शुरूकरना चाह रहे हैं, उसमें अवरोध होगा। किसी अपने का दुखद समाचार प्राप्त होगा। व्यापारव्यवसाय में हानी उठाना पड़सकता है। परिवार में पत्नी का विवाद हो सकता है। वाणी पर संयम रखें और वादविवाद से दूर रहें।

सावन मास 2023 (अधिकमास)

हिंदू धर्म में भगवान भोलेनाथ की पूजा करने के लिए सावन मास को सबसे उत्तम माना जाता है। इस पूरे मास में शिवजी की विधि-विधान से पूजा की जाती है। इस बार सावन मास को बेहद विशेष माना जा रहा है, क्योंकि इस साल सावन एक नहीं बल्कि दो मास का होने वाला है। यह माना जा रहा है कि यह अद्भुत योग करीब 19 साल बाद बन रहा है। दरअसल हिंदी विक्रम संवत 2080 में इस साल एक अधिकमास पड़ रहा है। ऐसे में इस साल 12 महीनों की बजाय कुल 13 महीने होंगे। वहीं सावन मास की अवधि 30 नहीं बल्कि करीब 59 दिन की होने वाली है। यानी इस बार भोलेनाथ के भक्तों को उनकी उपासना करने के लिए 4 सोमवार के बजाय 8 सोमवार होंगे। ऐसे में चलिए जानते हैं सावन कब से शुरू हो रहा है और शुभ संयोग।

कब से शुरू हो रहा है सावन 2023? When is Sawan 2023 Starting?

इस बार सावन का महीना करीब 2 माह का होने वाला है। इस बार सावन महीने की शुरुआत 4 जुलाई 2023 से हो रही है और 31 अगस्त 2023 को इसका समापन होगा। यानी इस बार भक्तों को भगवान शिव की उपासना के लिए करीब 59 दिन मिलेंगे। सावन में कावड़ यात्रा का विशेष महत्व होता है। हर साल सावन में कावड़िए कावड़ लेकर शिव मंदिरों में जाते हैं और शंकर जी को जल अर्पित करते हैं। झारखंड के बैद्यनाथ धाम में सावन में श्रावणी मेले का आयोजन किया जाता है, जहां दूर-दूर से शिव भक्त कावड़ लेकर पहुंचते हैं। बैद्यनाथ धाम शिवजी के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक माना जाता है। इस मंदिर को लेकर कई मान्यताएं प्रचलित हैं।

2023 में सावन क्यों 2 महीने का है? Why is Sawan in 2 Months in 2023?

प्रतिवर्ष सावन एक माह का ही होता था, लेकिन इस बार यह 2 महीने का होगा। यह ज्ञात हुआ है कि सावन मास में मलमास या अधिकमास हो रहा है। इसलिए सावन अब 2 महीने का हो जाएगा। 18 जुलाई से 16 अगस्त तक सावन में अधिकमास चलेगा। सावन में सोमवार की पूजा विशेष महत्वपूर्ण होती है, क्योंकि इस दिन भगवान शिव को समर्पित किया जाता है। इस बार सावन में 4 की बजाय 8 सोमवार होंगे।

यह अद्भुत संयोग क्यों बन रहा है?

वास्तव में, वैदिक पंचांग गणना सौर मास और चंद्र मास के आधार पर करता है। चंद्र मास 354 दिनों का होता है जबकि सौर मास 365 दिनों का होता है। इन दोनों के बीच लगभग 11 दिन का अंतर होता है और हर तीसरे साल यह अंतर 33 दिन का होता है, जिसे अधिक मास कहा जाता है। इसलिए इस बार सावन दो महीने तक चलेगा।

सावन 2023 की डेट (Sawan 2023 Start Date)

फ्यूचर पंचांग के अनुसार, श्रावण मास के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि 3 जुलाई को शाम 05 बजकर 08 मिनट से शुरू होगी और उसका समापन 4 जुलाई को दोपहर 01 बजकर 38 मिनट पर होगा। साथ ही, सावन का पहला सोमवार व्रत 10 जुलाई 2023 को आयोजित किया जाएगा।

सावन सोमवार की तिथियां: Sawan 2023 Monday Dates

  • सावन का पहला सोमवार: 10 जुलाई
  • सावन का दूसरा सोमवार: 17 जुलाई
  • सावन का तीसरा सोमवार: 24 जुलाई
  • सावन का चौथा सोमवार: 31 जुलाई
  • सावन का पांचवा सोमवार: 07 अगस्त
  • सावन का षष्ठ सोमवार: 14 अगस्त
  • सावन का सप्तम सोमवार: 21 अगस्त
  • सावन का आठवां सोमवार: 28 अगस्त

सावन का पहला सोमवार कब: When is the First Monday of Sawan?

सावन का पहला सोमवार 10 जुलाई 2023 को पड़ेगा। इस दिन भोलेनाथ पर जल चढ़ाना, साथ ही व्रत रखना बेहद शुभ माना जाता है। इस बार कुल 8 सोमवार पड़ेंगे।

सावन सोमवार का महत्व: Significance of Sawan Monday

कहा जाता है कि जो व्यक्ति सावन के सोमवार का व्रत करता है, उसके वैवाहिक जीवन में खुशहाली बनी रहती है, साथ ही उसके जीवन में सुख-समृद्धि की कमी भी नहीं रहती है। सावन के महीने में भगवान शिव पर धतूरा, बेलपत्र, चावल, चंदन, शहद आदि जरूर चढ़ाना चाहिए। सावन के महीने में की गई पूजा से भगवान शिव जल्दी प्रसन्न होते हैं। सावन के सोमवार का व्रत करने से कुंडली में चंद्रमा की स्थिति मजबूत होती है, साथ ही आपका स्वास्थ्य भी उत्कृष्ट रहता है।

सावन 2023 पूजा महत्व: Sawan 2023 Puja Significance

वेद एवं शास्त्रों में श्रावण मास के महत्व को विस्तार से बताया गया है। मान्यता है कि माता पार्वती ने कठोर व्रत और उपवास करके भगवान शिव को सावन मास में ही पति रूप में प्राप्त किया था। इसके साथ ही भगवान विष्णु, ब्रह्मा, इंद्र और भगवान शिव के गण श्रावण मास में ही पृथ्वी पर वास करते हैं और अलग-अलग रूपों से भगवान शिव की आराधना करते हैं। श्रावण मास में भगवान शिव की पूजा अर्चना करने से सभी दुखों का नाश होता है और साधक की सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं। मान्यता यह भी है कि श्रावण मास में द्वादश ज्योतिर्लिंग में से किसी एक के भी दर्शन करने से साधक को अश्वमेध यज्ञ के समान फल की प्राप्ति होती है।

सावन सोमवार पूजा विधि: Sawan Monday Worship Method

  • सावन सोमवार के दिन सुबह स्नान आदि करके स्वच्छ वस्त्र पहनें।
  • अपने दाहिने हाथ में जल लेकर सावन सोमवार व्रत का संकल्प बोलें।
  • सभी देवताओं पर गंगा जल चढ़ाएं।
  • ॐ नमः शिवाय मंत्र का जाप करते हुए भगवान शिव शंकर का जलाभिषेक करें।
  • भगवान भोलेनाथ को अक्षत, सफेद फूल, सफेद चंदन, भांग, धतूरा, गाय का दूध, धूप, पंचामृत, सुपारी, बेलपत्र चढ़ाएं।
  • सामग्री चढ़ाते समय ॐ नमः शिवाय शिवाय नमः का जाप करें और चंदन का तिलक लगाएं।
  • सावन के सोमवार के व्रत के दिन सोमवार के व्रत की कथा अवश्य पढ़नी चाहिए और अंत में आरती करनी चाहिए।
  • भगवान शिव को प्रसाद के रूप में घी और चीनी का भोग लगाएं।

शिव जी की पूजा ऐसे करें: Worship Lord Shiva

  • हर सावन सोमवार को भगवान शिव की पूजा की जाती है।
  • इसलिए सुबह स्नान करके अपने दाहिने हाथ में जल लेकर सावन सोमवार व्रत का संकल्प लें।
  • फिर महादेव पर गंगा जल चढ़ाएं।
  • उसके बाद ॐ नमः शिवाय का जाप करते हुए शिवजी का जलाभिषेक करें।
  • अब भगवान शिव को अक्षत, सफेद फूल, सफेद चंदन, भांग, धतूरा, गाय का दूध, धूप, पंचामृत, सुपारी, बेलपत्र चढ़ाएं।
  • अंत में शिव चालीसा और आरती जरूर पढ़ें।

सावन मास में इन कार्यों को न करें

शास्त्रों में सावन के दौरान कुछ कार्यों को करने से मना किया जाता है। शास्त्रों के अनुसार, इस मास में दिन के समय सोना नहीं चाहिए। भोजन में बैंगन वर्जित है, क्योंकि इसे अशुद्ध माना जाता है। भगवान शिव को केतकी के फूल चढ़ाना नहीं चाहिए।

इस बार कौन से महुर्त पर राखी बाधें ? रक्षा बंधन 2022

रक्षाबंधन के दिन भद्राकाल होने पर राखी नहीं बांधी जाती है। भद्राकाल को अशुभ समय माना गया है। भद्राकाल में किसी भी तरह काशुभ कार्य करना वर्जित माना गया है।

रक्षाबंधन का त्योहार हिंदू धर्म में विशेष महत्व रखता है। यह सबसे बड़े त्योहारों में से एक होता है। पंचांग के अनुसार रक्षाबंधन का पर्वहर साल सावन माह की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है। इसे राखी और राखी पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है। रक्षाबंधन भाईबहन के प्रेम और स्नेह का प्रतीक होता है। इस पर्व पर बहनें अपने भाई के माथे पर टीका और आरती उतारते हुए कलाई पर राखीबांधती हैं। राखी बांधते समय बहनें भगवान से भाईयों की लंबी और सेहतमंद आयु, सुखसमृद्धि, धन,वैभव और ऐशोआराम की कामनाकरती हैं। बहन के राखी बांधने के बदले में भाई उसे तोहफे और जीवन भर रक्षा का वचन देता है। इस बार रक्षाबंधन का पावन त्योहार11 अगस्त 2022 को मनाया जाएगा। 

ज्योतिष मुहूर्त के अनुसार रक्षाबंधन पर राखी हमेशा शुभ मुहूर्त का विचार करके ही बांधना शुभ होता है। रक्षाबंधन के दिन बहनों कोभाईयों की कलाई पर राखी बांधते वक्त भद्राकाल का विशेष ध्यान रखना चाहिए। रक्षाबंधन के दिन भद्राकाल होने पर राखी नहीं बांधीजाती है। भद्राकाल को अशुभ समय माना गया है। भद्राकाल में किसी भी तरह का शुभ कार्य करना वर्जित माना गया है। भद्राकाल मेंशुभ कार्य को करने पर उसमें सफलता नहीं प्राप्त होती है। इस बार रक्षाबंधन पर भद्राकाल का साया मौजूद रहेगा। इस लिए भद्राकालके समय पर भाई की कलाई पर भूलकर भी राखी बांधे। ऐसे में आइए जानते इस साल रक्षाबंधन के पर्व पर भद्राकाल कब से शुरू होजाएगा ,राखी बांधने का शुभ समय क्या होगा और भद्रा काल में क्यों नहीं बांधी जाती है राखी?

रक्षाबंधन पर भद्राकाल का साया

वैदिक पंचांग की गणना के अनुसार 11 अगस्त के दिन शाम के 5 बजकर 17 मिनट पर भद्रा पुंछ शुरू हो जाएगा जो शाम के 6 बजकर18 मिनट पर समाप्त होगा। फिर 6 बजकर 18 मिनट से भद्रा मुख शुरू हो जाएगा जो रात्रि के 8 बजे तक रहेगा। भद्राकाल के खत्महोने पर राखी बांधी जा सकती है। अगर आपको भद्रा काल में राखी बांधनी बहुत जरूरी हो तो इस दिन प्रदोषकाल में शुभ,लाभ,अमृत मेंसे कोई एक चौघड़िया देखकर राखी बांधी जा सकती है। 

रक्षाबंधन तिथि– 11 अगस्त 2022, गुरुवार 

पूर्णिमा तिथि आरंभ– 11 अगस्त, सुबह 10 बजकर 38 मिनट से 

पूर्णिमा तिथि की समाप्ति– 12 अगस्त. सुबह 7 बजकर 5 मिनट पर

शुभ मुहूर्त– 11 अगस्त को सुबह 9 बजकर 28 मिनट से रात 9 बजकर 14 मिनट 

अभिजीत मुहूर्तदोपहर 12 बजकर 6 मिनट से 12 बजकर 57 मिनट तक

अमृत कालशाम 6 बजकर 55 मिनट से रात 8 बजकर 20 मिनट तक

ब्रह्म मुहूर्तसुबह 04 बजकर 29 मिनट से 5 बजकर 17 मिनट तक 

रक्षाबंधन 2022 भद्रा काल का समय 

रक्षाबंधन के दिन भद्रा काल की समाप्तिरात 08 बजकर 51 मिनट पर 

रक्षाबंधन के दिन भद्रा पूंछ– 11 अगस्त को शाम 05 बजकर 17 मिनट से 06 बजकर 18 मिनट तक 

रक्षाबंधन भद्रा मुखशाम 06 बजकर 18 मिनट से लेकर रात 8 बजे तक

रक्षाबंधन का शुभ मुहूर्त

रक्षा बंधन प्रदोष मुहूर्त :20:52:15 से 21:14:18 तक

भद्राकाल में राखी बांधना वर्जित क्यों

भद्राकाल का समय अशुभ होता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार भद्रा शनिदेव की बहन हैं। ऐसी मान्यता है जब माता छाया के गर्भ सेभद्रा का जन्म हुआ तो समूची सृष्टि में तबाही होने लगी और वे सृष्टि को तहसनहस करते हुए निगलने लगीं। सृष्टि में जहां पर भी किसीतरह का शुभ और मांगलिक कार्य संपन्न होता भद्रा वहां पर पहुंच कर सब कुछ नष्ट कर देती। इस कारण से भद्रा काल को अशुभ मानागया है। ऐसे में भद्रा काल होने पर राखी नहीं बांधनी चाहिए। इसके अलावा भी एक अन्य कथा है। रावण की बहन ने भद्राकाल में राखीबांधी जिस कारण से रावण के साम्राज्य का विनाश हो गया है। इस कारण से जब भी रक्षा बंधन के समय भद्राकाल होती है उस दौरानराखी नहीं बांधी जाती है।

घर की इस दिशा में लगाएं भागते हुए 7 घोड़ों की तस्वीर, बढ़ेगा मान-सम्मान और होगी करियर में तरक्की

अकसर लोगों के घरों में आपने सात दौड़ते हुए घोड़ों की तस्वीर लगी हुई देखी होगी और आपके मन में यह सवाल जरूर उठा होगा किइस तस्वीर को लगाने के पीछे क्या कारण है. बता दें कि यह तस्वीर केवल दिखने में सुंदर होती है बल्कि इसको लगाने से किस्मत भीचमक सकती है. कहते हैं कि इस तस्वीर को लगाने से घर परिवार में तरक्की आने लगती है और आर्थिक स्थिति भी सुधरने लगती है. यह तस्वीर व्यापार और करियर दोनों को गति प्रदान करती है. ऐसे में यह पता होना चाहिए कि इस तस्वीर को लगाते वक्त किन बातोंका ध्यान रखें और इस तस्वीर को किस दिशा में लगाना चाहिए. आज का हमारा लेख इसी विषय पर है. आज हम आपको अपने इसलेख के माध्यम से बताएंगे कि आप अपने घर की किस दिशा में भागते हुए घोड़ों की तस्वीर लगाएं.

किस दिशा में लगाएं सात घोड़ों की तस्वीर?

  1. यदि आप अपने ऑफिस में इस तस्वीर को लगा रहे हैं तो ऑफिस के कैबिन में सात घोड़ों की तस्वीर लगा सकते हैं. लेकिन ध्यानरहे कि घोड़े का मुंह ऑफिस के अंदर की तरफ आते हुए होना चाहिए. इस तस्वीर को दक्षिण दिशा में लगाना चाहिए.
  2. यदि आप घर पर इस तस्वीर को लगा रहे हैं तो पूर्व की दिशा में तस्वीर को लगाना शुभ माना जाता है. इस तस्वीर से करियर मेंतरक्की आती है और व्यक्ति का मान सम्मान भी बढ़ता है. यदि आप इस तस्वीर को घर के हॉल में तस्वीर लगा रहे हैं तो दक्षिणदिशा की दीवार पर भी इसे लगा सकते हैं.

सात घोड़ों की तस्वीर लगाते वक्त किन बातों का रखें ध्यान?

यदि आप सात घोड़ों की तस्वीर लगा रहे हैं तो ध्यान रहे कि तस्वीर में सभी घोड़े साफ साफ दिखाई दे रहे हों.

घोड़ों की तस्वीर लगाते वक्त इस बात का ध्यान रखें कि घोड़ों की लगाम बंधी हुई ना हो. घोड़े प्रसन्न और खुश नजर आएं.

झाड़ू में धन की देवी महालक्ष्मी का वास

झाड़ू में धन की देवी महालक्ष्मी का वास

पौराणिक शास्त्रों में कहा गया है कि जिस घर में झाड़ू का अपमान होता है वहां धन हानि होती है, क्योंकि झाड़ू में धन की देवी महालक्ष्मी का वास माना गया है।

विद्वानों के अनुसार झाड़ू पर पैर लगने से महालक्ष्मी का अनादर होता है। झाड़ू घर का कचरा बाहर करती है और कचरे को दरिद्रता काप्रतीक माना जाता है।

जिस घर में पूरी साफसफाई रहती है वहां धन, संपत्ति और सुखशांति रहती है। इसके विपरित जहां गंदगी रहती है वहां दरिद्रता का वास होता है।

ऐसे घरों में रहने वाले सभी सदस्यों को कई प्रकार की आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इसी कारण घर को पूरी तरह साफ रखने पर जोर दिया जाता है ताकि घर की दरिद्रता दूर हो सके और महालक्ष्मी की कृपा प्राप्त हो सके। घर से दरिद्रता रूपी कचरे को दूर करके झाड़ू यानि महालक्ष्मी हमें धनधान्य, सुखसंपत्ति प्रदान करती है।

वास्तु विज्ञान के अनुसार झाड़ू सिर्फ घर की गंदगी को दूर नहीं करती है बल्कि दरिद्रता को भी घर से बाहर निकालकर घर में सुख समृद्घि लाती है।

झाड़ू का महत्व इससे भी समझा जा सकता है कि रोगों को दूर करने वाली शीतला माता अपने एक हाथ में झाड़ू धारण करती हैं।

यदि भुलवश झाड़ू को पैर लग जाए तो महालक्ष्मी से क्षमा की प्रार्थना कर लेना चाहिए।

जब घर में झाड़ू का इस्तेमाल हो, तब उसे नजरों के सामने से हटाकर रखना चाहिए।

ऐसे ही झाड़ू के कुछ सतर्कता के नुस्खे अपनाये गये उनमें से आप सभी मित्रों के समक्ष हैं जैसे :-

शाम के समय सूर्यास्त के बाद झाड़ू नहीं लगाना चाहिए इससे आर्थिक परेशानी आती है।

झाड़ू को कभी भी खड़ा नहीं रखना चाहिए, इससे कलह होता है।

आपके अच्छे दिन कभी भी खत्म हो, इसके लिए हमें चाहिए कि हम गलती से भी कभी झाड़ू को पैर नहीं लगाए या लात ना लगने दें, अगर ऐसा होता है तो मां लक्ष्मी रुष्ठ होकर हमारे घर से चली जाती है।

झाड़ू हमेशा साफ रखें ,गिला छोडे

ज्यादा पुरानी झाड़ू को घर में रखें।

झाड़ू को कभी घर के बाहर बिखराकर फेके और इसको जलाना भी नहीं चाहिए।

झाड़ू को कभी भी घर से बाहर अथवा छत पर नहीं रखना चाहिए। ऐसा करना अशुभ माना जाता है। कहा जाता है कि ऐसा करने से घर में चोरी की वारदात होने का भय उत्पन्न होता है। झाड़ू को हमेशा छिपाकर रखना चाहिए। ऐसी जगह पर रखना चाहिए जहां से झाड़ूहमें, घर या बाहर के किसी भी सदस्यों को दिखाई नहीं दें।

गौ माता या अन्य किसी भी जानवर को झाड़ू से मारकर कभी भी नहीं भगाना चाहिए।

घरपरिवार के सदस्य अगर किसी खास कार्य से घर से बाहर निकले हो तो उनके जाने के उपरांत तुरंत झाड़ू नहीं लगाना चाहिए। यह बहुत बड़ा अपशकुन माना जाता है। ऐसा करने से बाहर गए व्यक्ति को अपने कार्य में असफलता का मुंह देखना पड़ सकता है।

शनिवार को पुरानी झाड़ू बदल देना चाहिए।

सपने मे झाड़ू देखने का मतलब है नुकसान।

घर के मुख्य दरवाजा के पीछे एक छोटी झाड़ू टांगकर रखना चाहिए। इससे घर में लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है।

पूजा घर के ईशान कोण यानी उत्तरपूर्वी कोने में झाडू कूड़ेदान आदि नहीं रखना चाहिए क्योंकि ऐसा करने से घर में नकारात्मक ऊर्जाबढ़ती है और घर में बरकत नहीं रहती है इसलिए वास्तु के अनुसार अगर संभव हो तो पूजा घर को साफ करने के लिए एक अलग सेसाफ कपड़े को रखें।

जो लोग किराये पर रहते हैं वह नया घर किराये पर लेते हैं अथवा अपना घर बनवाकर उसमें गृह प्रवेश करते हैं तब इस बात का ध्यानरखें कि आपका झाड़ू पुराने घर में रह जाए। मान्यता है कि ऐसा होने पर लक्ष्मी पुराने घर में ही रह जाती है और नए घर में सुखसमृद्घि का विकास रूक जाता है।

कुंडली में बैठा शुक्र आपको कैसे कर रहा है प्रभावित,

शुक्र ग्रह सौरमंडल का सबसे दैदीप्यमान ग्रह है। इसका वर्षमान हमारे 225 दिनों के समान है। 22 मील प्रति सेकंड की गति से सूर्य कीप्रदक्षिणा करता है। यह ग्रह दक्षिणपूर्व दिशा का स्वामीस्त्री जातिश्यामगौर वर्ण का है।

 अतइसके भाव से जातक का रंग गेंहुआ होता है। लग्न से छठे स्थान पर निष्फल  सातवें स्थान पर अशुभ होता है। मदन पीड़ागानवाहन आदि का कारक होता है। जातक की कुंडली में विभिन्न स्थितियों के अनुसार शुक्र ग्रह से सगाईविवाहसंबंध विच्छेदतलाकविलासप्रेम सुखसंगीतचित्रकलाद्यूतकोषाध्यक्षतामानाध्यक्षताविदेश गमनस्नेह  मधुमेह प्रमेह आदि रोगों का अध्ययन होताहै। मिथुनकन्यामकर और कुंभ लग्नों में यह योगकारक होता है। आश्लेषाज्येष्ठारेवतीकृतिका  स्वाति और आर्द्रा नक्षत्रों मेंरहकर शुभ फल देता है तथा भरणीपूर्वा फाल्गुनीपूर्वाषाढ़ामृगशिराचित्राधनिष्ठा नक्षत्रों में स्थित होकर शुभ फल प्रदान करता है।


शेष पंद्रह नक्षत्रों में सम फल देता है। इस ग्रह का अधिकार  मनुष्य के चेहरे पर होता है। यह ग्रह एक राशि पर डेढ़ माह रहता है। यह वृष तथा तुला राशि का स्वामी है तथा तुला राशि पर  विशेष बली रहता है। शुक्र ग्रह के गुरु सूर्यचंद्र मित्रबुधशनि सम तथा मंगल शत्रु होते हैं। जन्म के समय शुक्र ग्रह का द्वादश भावों में फल इस प्रकार होता है

 

जिसके लग्न स्‍थान में शुक्र हो तो उसका अंगप्रत्यंग सुंदर होता है। श्रेष्ठ रमणियों के साथ विहार करने को लालायित रहता है। ऐसाव्यक्ति दीर्घ आयु वालास्वस्थसुखीमृदु एवं मधुभाषीविद्वानकामी तथा राजकार्य में दक्ष होता है।

 

दूसरे स्थान पर शुक्र हो तो जातक प्रियभाषी तथा बुद्धिमान होता है। स्त्री की कुंडली हो तो जातिका सर्वश्रेष्ठ सुंदरी पद प्राप्त करने कीअधिकारिणी होती है। जातक मिष्ठान्नभोगीलोकप्रियजौहरीकविदीर्घजीवीसाहसी  भाग्यवान होता है।

 

जातक की कुंडली में तीसरे भाव पर शुक्र हो तो वह स्त्री प्रेमी नहीं होता है। पुत्र लाभ होने पर भी संतुष्ट नहीं होता है। ऐसा व्यक्तिकृपणआलसीचित्रकारविद्वान तथा यात्रा करने का शौकीन होता है।

 

चतुर्थ भाव पर यदि शुक्र हो तो जातक उच्च पद प्राप्त करता है। इस व्यक्ति के अनेक मित्र होते हैं। घर सभी वस्तुओं से पूर्ण रहता है।ऐसा व्यक्ति दीर्घायुपरोपकारीआस्तिकव्यवहारकुशल  दक्ष होता है।

 

पांचवें भाव पर पड़ा हुआ शुक्र शत्रुनाशक होता है। जातक के अल्प परिश्रम से कार्य सफल होते हैं। ऐसा व्यक्ति कवि हृदयसुखीभोगीन्यायप्रियउदार  व्यवसायी होता है।

 

छठवांशुक्र जातक के नित नए शत्रु पैदा करता है। मित्रों द्वारा इसका आचरण नष्ट होता है और गलत कार्यों में धन व्यय कर लेता है।ऐसा व्यक्ति स्त्री सुखहीनदुराचारबहुमूत्र रोगीदुखीगुप्त रोगी तथा मितव्ययी होता है।

 

आठवें स्थान में शुक्र हो तो जातक वाहनादि का पूर्ण सुख प्राप्त करता है। वह दीर्घजीवी  कटुभाषी होता है। इसके ऊपर कर्जा चढ़ारहता है। ऐसा जातक रोगीक्रोधीचिड़चिड़ादुखीपर्यटनशील और पराई स्त्री पर धन व्यय करने वाला होता है।

 

यदि नौवें स्थान पर शुक्र हो तो जातक अत्यंत धनवान होता है। धर्मादि कार्यों में इसकी रुचि बहुत होती है। सगे भाइयों का सुख मिलताहै। ऐसा व्यक्ति आस्तिकगुणीप्रेमीराजप्रेमी तथा मौजी स्वभाव का होता है।

 

जिसके दशम भाव में शुक्र हो तो वह व्यक्ति लोभी  कृपण स्वभाव का होता है। इसे संतान सुख का अभावसा रहता है। ऐसा व्यक्तिविलासीधनवानविजयीहस्त कार्यों में रुचि लेने वाला एवं शक्की स्वभाव का होता है।

 

जिसकी जन्म कुंडली में ग्यारहवें स्थान पर शुक्र हो तो जातक प्रत्येक कार्य में लाभ प्राप्त करता है। सुंदरसुशीलकीर्तिमानसत्यप्रेमीगुणवानभाग्यवानधनवानवाहन सुखीऐश्वर्यवानलोकप्रियकामीजौहरी तथा पुत्र सुख भोगता हुआ ऐसा व्यक्ति जीवन मेंकीर्तिमान स्थापित करता है।

 

जिसके बारहवें भाव में शुक्र होतब जातक को द्रव्यादि की कमी नहीं रहती है। ऐसा व्यक्ति स्‍थूलपरस्त्रीरतआलसीगुणज्ञप्रेमीमितव्ययी तथा शत्रुनाशक होता है। एवं शक्की स्वभाव का होता है।