नरक चतुर्दशी के दिन दीपक को कैसे जलाएं:
शास्त्रों के अनुसार, नरक चतुर्दशी के दिन यम के नाम के दीपक जलाने की परंपरा है। इस दिन चौमुखा दीपक बनाकर घर की महिलाएं रात के समय तिल या सरसों का तेल डालकर चार बत्तियों वाला दीपक जलाती हैं।
नरक चतुर्दशी में कितने दिए जलाए जाते हैं?
नरक चतुर्दशी के दिन कितने दीये जलाए जाते हैं: नरक चतुर्दशी के दिन 14 दीये जलाए जाते हैं। एक दीया घर के पूजा पाठ वाले स्थान, दूसरा रसोई घर में, तीसरा उस जगह जलाना चाहिए जहां हम पीने का पानी रखते हैं, चौथा दीया पीपल या वट के पेड़ तले रखना चाहिए। वहीं पांचवां दीया घर के मुख्य द्वार पर जलाना चाहिए।शेष उपलब्ध स्थान पर जला सकते है
यम का दीपक कब जलाना चाहिए?
छोटी दिवाली पर प्रदोष काल में यम का दीपक जलाने का विधान है।यह दीपक मृत्यु के देवता यमराज के लिए जलाया जाता है।छोटी दिवाली को नरक चतुर्दशी भी कहते हैं।कहते हैं कि इस दिन यमराज से प्रार्थना करते हैं कि वे नरक का द्वार बंद कर दें, ताकि परिवार का कोई भी सदस्य अकाल मृत्यु का शिकार न हो।
दीपक जलाते समय पढ़ें ये मंत्र
शुभं करोति कल्याणम् आरोग्यम् धनसंपदा। शत्रुबुद्धिविनाशाय दीपकाय नमोस्तुते।। दीपो ज्योति परंब्रह्म दीपो ज्योतिर्जनार्दन:। दीपो हरतु मे पापं संध्यादीप नमोस्तुते।।
नरक चतुर्दशी के दिन क्या नहीं करना चाहिए?
दिवाली के दोनों दिनों में तेल का दान नहीं करना चाहिए. इस दिन तेल का दीपक जलाया जाता है।इसके अलावा नरक चतुर्दशी के दिन दक्षिण दिशा में गंदगी न डालें।ये दिशा यमराज और पितरों की दिशा मानी गई है।
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