नाम में छिपा भाग्य उदय का रहस्य

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07 Sep
2018

आम तौर पर हर व्यक्ति कर्म तो करता है लेकिन उसका भाग्य नहीं बदल पाता क्योंकि उसे नामांक की शक्ति पता नहीं होता। मूलांक और भाग्यांक तो अपरिवर्तनशील हैं लेकिन योजनाबद्ध ढंग से यदि नामांक, मूलांक और भाग्यांक का मेल हो जाये तो व्यक्ति का भाग्य बदलने में देर नहीं लगती। आजमाकर देखें तो सहीं। वेदशास्त्र एवं धर्म ग्रंथ कहते हैं, मनुष्य का भाग्य नहीं बदला जा सकता। मनुष्य जीवन की तीन मुखय घटनाएं यथा जन्म, विवाह एवं मृत्यु तो बिल्कुल भी नहीं बदली जा सकती क्योंकि विवाह के जोड़े आदि सब पहले से निश्चित होते हैं तथा जन्म और मृत्यु की तारीख भी नहीं बदली जा सकती। जन्म समय के ग्रह-नक्षत्र मनुष्य का भाग्य दर्शाते हैं जो उसके पूर्व जन्मों के कर्मों के अनुसार बनता है। परंतु जन्म राशि, जन्म लग्न एवं अंक ज्योतिष का मूल आधार मूलांक व भाग्यांक तो जन्म की तारीख से बनते हैं जिसको बदला नहीं जा सकता। लेकिन नाम में परिवर्तन करके आप अपने जीवन की रूपरेखा में कुछ महत्वपूर्ण परिवर्तन अवश्य ला सकते हैं। अपना मूलांक और भाग्यांक जानने की सरल विधि यह है कि जन्म तारीख का योग करें वह आपका मूलांक और जन्म तारीख, माह और सन् के अंक का योग भाग्यांक कहलाता है। जैसे 3, 12, 21, 30 जन्म तारीख वाले का मूलांक 3 होगा और 18/01/1980 जन्म तारीख वाले का भाग्यांक 1 होगा। इसमे जन्म तारीख माह और सन् का योग करने से 28 अंक आया। इस का योग 2+8 = 10, यानि मूलांक 1 । अधिकतर जीवन के मूलांक और भाग्यांक वाले माह, तारीख तथा सन लाभकारी रहते हैं। यदि राशि के हिसाब से भी योगकारी ग्रह का अंक, मूलांक या भाग्यांक से मेल खाता है तो वह अंक बहुत लाभकारी रहेगा। इसी के साथ यदि व्यक्ति के नाम का अंक भी भाग्यांक या मूलांक से मेल खावे तो वह व्यक्ति जीवन में बहुत उन्नति करता है। नाम भी भाग्यांक के अनुसार रखें तो वह लाभकारी सिद्ध होगा। जो लोग जीवन में झंझावातों से जूझते देखे गये, उनमें प्रायः यह पाया गया कि उनके इन तीनों अंकों में तालमेल नहीं था। यदि मूलांक, भाग्यांक और नामांक में तालमेल न हो तो हम नामांक बदल सकते हैं, क्योंकि जन्मांक और भाग्यांक तो जन्म लेते ही निश्चित हो जाते हैं। ये भगवान के दिये होते हैं। केवल नाम ही है, जिसे मनुष्य देता है- उसे बदला जा सकता है- यदि आवश्यक हो तो अपना नाम बदलें और उसका लाभ उठायें। कुछ व्यक्ति इतने भाग्यशाली होते हैं कि उनके मूलांक तथा भाग्यांक और नामांक में समन्वय रहता है और वे सुखी जीवन व्यतीत करते हैं। अंक ज्योतिष अंकों का गणित नहीं, बल्कि अंकों का विज्ञान है। यह ज्योतिष व हस्तरेखा जैसी ही विद्या है। अंक ज्योतिष का आधार वास्तव में नौ ग्रह ही हैं। अंग्रेजी के प्रत्येक अक्षर का तथा प्रत्येक ग्रह का भी एक अंक निर्धारित किया गया है। जो इस प्रकार है :- हिंदी के अक्षरों को भी अंक शास्त्र में नंबर दियें गये हैं। अ से अं, अः तक 1 से 24 अंक सीरियल में तथा क, ख से ह तक 1 से 36 अंक सीरियल में दिये गये हैं। इन्हें भी आजमा कर देखें। यदि मूलांक या भाग्यांक के अनुसार नामांक भी हो तो जीवन में उन्नति की संभावना अधिक रहती है। इसके अतिरिक्त यदि जन्म/राशि लग्न के योगकारी ग्रह का अंक मूलांक या भाग्यांक से मिलता है तो उस अंक के अनुसार नामांक बना लें तो बहुत उन्नति होगी। कुछ वर्तमान प्रसिद्ध लोगों के इन अंकों के परीक्षण से सिद्ध होता है कि अंक शास्त्र उपयोगी है। 1. श्रीमती सोनिया गांधी जी की जन्म तारीख 9.12.1946 है। इनका मूलांक नौ (9) है और भाग्यांक पांच (5) है। इन की राशि मिथुन और जन्म लग्न कर्क है। इनके जन्म लग्न के हिसाब से मंगल योगकारी है। मंगल का अंक 9 है। इनके नामांक का अंक भी 9 है। इसी कारण इन्हें इतनी प्रसिद्धि मिली। इनकी राशि का स्वामी बुध है और बुध का अंक 5 है जो इनका भाग्यांक है। इन्हीं कारणों से इन्होंने प्रसिद्धि अर्जित की। 2. फिल्म स्टार शाहरूख खान की जन्म तारीख 2.11.65 है। उसका मूलांक 2 है और भाग्यांक 7 है तथा नामांक 6 है। इनकी राशि मकर के लिए शुक्र योगकारी ग्रह है और शुक्र का अंक 6 है। नामांक 6 इसी कारण लाभकारी है और उसको बहुत प्रसिद्धि मिली तथा धन-दौलत मिली। यह जन्म राशि के योगकारी ग्रह के अनुसार नामांक होने से उन्नति का प्रत्यक्ष प्रमाण है। (इनकी जन्म पत्रिका में शश व रूचक नामक दो पंच महापुरुष राजयोग भी हैं॥ 3. प्रसिद्ध फिल्म स्टार हेमा मालिनी की जन्म तारीख 16.10.48 होने से भाग्यांक 3 है और उनका नामांक भी 3 है। यह अंक 3 गुरु का अंक है। उनका लग्न कर्क एवं राशि मीन होने से गुरु योगकारी है। उनका स्वभाव रहन-सहन गुरु प्रधान होने से उनका जीवन सुखी है। उनकी प्रवृत्ति भी सात्विक बनी। गुरु ने जन्मपत्री में हंस नामक पंच महापुरूष राजयोग भी बनाया। यह भी जन्म तारीख और जन्मपत्रिका के अनुसार नामांक से उन्नति + प्रसिद्धि का उत्तम उदाहरण है। 4. रितिक रोशन ने फिल्म जगत में एक ही फिल्म से धूम मचा दी। इसका कारण हम अंक शास्त्र के नजरिये से देखें तो उसकी जन्म तारीख 10.01.1974 है- उसका मूलांक एक सूर्य का अंक है और उसका भाग्यांक पांच बुध का नंबर है- उसकी जन्म राशि कर्क है उसके लिए योगकारी ग्रह मंगल का अंक नौ है- उसका नामांक दो है। उसका मूलांक सूर्य का अंक एक और नामांक चंद्र का अंक दो होने से वह सूर्य +चंद्र की भांति जगत में वर्षों तक जगमगाता रहेगा। उसके मूलांक और नामांक के स्वामी एक एवं दो अंक परम मित्र – रायल ग्रह होने से उसका नाम तीव्र गति से रोशन हुआ। जैसे सूर्य और चंद्र के उदय होने पर अंधेरा दूर हो जाता है और प्रकाश चारों और फैल जाता है। उसके नामांक दो का स्वामी चंद्र होने से जीवन में सामन्जस्य बना रहेगा- मेष राशि के स्वग्रही मंगल ने केंद्र में रूचक नामक पंच महापुरुष राजयोग बनाया है और चंद्र-मंगल राजयोग, गजकेसरी जैसे राजयोगों के कारण उसकी बहुत उन्नति होगी। परंतु हम अंक शास्त्र के अनुसार देखें तब भी उसकी उन्नति बहुत होगी क्योंकि मूलांक एक और नामांक दो के स्वामी सूर्य और चंद्र ज्योतिष में राजा रानी कहलाते हैं। इस अंक वाले को शिखर पर पहुंचा देते हैं- भगवान श्रीराम की कर्क राशि थी। श्री रितिक की राशि भी कर्क होने से वह अपना नाम रोशन करेगा। व्यापार के लिये, व्यापार संस्थान का नाम यदि हम इस शास्त्र के अनुसार रखें तो व्यापार में अच्छी उन्नति की संभावना बनती है। कई व्यापार संस्थाओं के नाम बदलने से उन्हें लाभ हुआ है।

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