माणिक सूर्य ग्रह का रत्न है , जब सूर्य ग्रह कमजोर हो या जन्म कुंडली में लग्न का स्वामी सूर्य हो तो मानिक रत्न पहनना चाहिये | मानिक पहनने से बल एवं साहस में वृद्धि होती है , भय, दुःख, और व्याधि का नाश होता है | नौकरी में ऊँचे पद पर प्रमोशन हो सकता है एवं समाज में प्रतिष्ठा मिलती है | मानिक पहनने से सिरदर्द, अस्थिविकार, रक्तविकार, एवं दुर्बलता दूर होती है | मानिक को सोने की अँगूठी में फिट करवा कर रविवार के दिन सूर्योदय के समय सूर्य की होरा के समय पूजा घर में जाकर अँगूठी को दूध में व् गंगाजल में स्नान करवा कर सूर्यदेव के मंत्र “ ॐ ग्रीं सूर्याय नमः “ का उच्चारण 108 बार करके अँगूठी को सिद्ध करके अनामिका उँगली में पहनना चाहिए | मानिक को खूब अच्छी तरह से परख कर एवं विश्वस्त दूकान से ही खरीदें क्योंकि मानिक की जितनी अच्छी गुणवत्ता होगी उतना ही अच्छा लाभ देगा ।