लहसुनिया केतु छाया ग्रह का रत्न है , जब केतु ग्रह कमजोर हो या जन्म कुंडली में लग्न स्वामी केतु ग्रह हो तो लहसुनिया रत्न धारण करना चाहिए | लहसुनिया रत्न धारण करने से गुप्त शत्रुओं एवं सरकारी सजा से बचाव होता है | लॉटरी, घुड़दौड़, आदि से गुप्त धन की प्राप्ति होती है | व्यापार में वृद्धि होती है एवं अनेकों रोगों से मुक्ति मिलती है जैसे कि चेचक,रक्त अल्पता , अंडकोष, आदि से बचाव होता है | लहसुनिया को सोने की अँगूठी में फिट करवा कर बुधवार के दिन बुध की होरा के समय पूजा घर में जाकर अँगूठी को दूध में व् गंगाजल में स्नान करवा कर केतुदेव के मंत्र “ ॐ ह्रीं केतवे नमः “ का उच्चारण 108 बार करके अँगूठी को सिद्ध करके अनामिका उँगली में पहनना चाहिए | लहसुनिया को खूब अच्छी तरह से परख कर एवं विश्वस्त दूकान से ही खरीदें क्योंकि लहसुनिया रत्न की जितनी अच्छी गुणवत्ता होगी उतना ही अच्छा लाभ देगा !