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09 Mar
2017
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शनि की साढ़ेसाती शनि साढेसाती में शनि तीन राशियों पर गोचर करते है।तीन राशियों पर शनि के गोचर को साढेसाती के तीन चरण के नाम से भी जाना जाता है।अलग- अलग राशियों के लिये शनि के ये तीन चरण अलग-अलग फल देते…

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09 Mar
2017

धनिष्ठा का उतरार्ध, शतभिषा, पूर्वा भाद्रपद, उतरा भाद्रपद व रेवती इन पांच नक्षत्रों ( सैद्धान्तिक रुप से साढेचार) को पंचक कहते है. पंचक का अर्थ ही पांच का समूह है. सरल शब्दों में कहें तो कुम्भ व मीन में जब चन्द्रमा रहते…

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09 Mar
2017
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चींटियों को आटा देने से मिलती है मां लक्षमी की अपार कृपा…. घर में धन-संपत्ति बनाए रखने के लिए घर पर देवी लक्ष्मी की कृपा होना बहुत जरूरी होता हैं। यदि घर में कुछ छोटी-छोटी बातों का ध्यान रखा जाए तो धन-लक्ष्मी…

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09 Mar
2017
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सूर्य की लाल (Infra red), पराबैंगनी (Ultravoilet) किरणों की कीटाणुनाशक क्षमता से हमारे वैदिक ऋषि भलीभांति परिचित थे। वास्तु नियमों में पूर्व दिशा स्नानागार के लिए प्रशस्त मानी गई है। वैदिक काल में उषा काल में स्नान का प्रावधान था। इस प्रकार…

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09 Mar
2017
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राशि स्वरूप- मछली जैसा, राशि स्वामी- बृहस्पति। 1. मीन राशि का चिह्न मछली होता है। मीन राशि वाले मित्रपूर्ण व्यवहार के कारण अपने कार्यालय व आस पड़ोस में अच्छी तरह से जाने जाते हैं। 2. आप कभी अति मैत्रीपूर्ण व्यवहार नहीं करते…