ड्रॉइंग रूम हेतु वास्तु

वास्तुशास्त्र आधुनिक युग में घर के निर्माण के समय बहुत महत्वपूर्ण स्थान रखता है। माना जाता है कि यदि वास्तुशास्त्र के अनुसार घर बनवाया जाए तो, यह दुख, दरिद्रता बीमारियां आदि से हमें दूर रखता है। यदि ड्राइंग रूम वास्तुशास्त्र के अनुसार हो तो घर में शांति और खुशहाली रहती है। घर में ड्राइंग रूम बनवाते समय वास्तु कुछ इस प्रकार होना चाहिए।

1. घर में ड्रॉइंग रूम उत्तर-पश्चिम यानि कि वायव्य कोण की दिशा के मध्य में होना चाहिए।

2. फर्नीचर को दक्षिण या पश्चिम दिशा में रखना शुभ रहता है।

3. कभी भी ऑफिस में बॉस का कैबिन सबसे पहले नहीं होना चाहिए। प्रवेश द्वार के समीप किसी ऐसे सहायक का कक्ष हो जो आने वालों को जानकारी उपलब्ध करवा सके।

4. ड्रॉइंग रूम में गुलाबी प्रकाश की व्यस्था होनी चाहिए एंव सोफा और कुर्सियां दक्षिण या पश्चिम की दिशा में इस प्रकार रखना चाहिए कि बैठने वाले का मुख पूर्व या उत्तर दिशा की ओर हो।

5. ड्रॉइंग रूम में मछली घर को पूर्व-उत्तर के कोण की दिशा के मध्य में रखा जाये ताकि इसमें बैठने वाले लोगों का मन शान्त व स्थिर रहें। मछली घर जल तत्व का प्रतीक माना जाता है, और जल तत्व का चन्द्रमा से गहरा सम्बन्ध है। चन्द्रमा मन का संकेतक ग्रह है, इस कारण मछली घर को ड्रॉइंग रूम में रखना अति लाभकारी माना जाता है। यदि संभव हो तो ड्रॉइंग रूम की पूर्व एंव उत्तर दिशा वाली जगह को खाली रखना चाहिए।

6. ड्रॉइंग रूम में चादर व तकिये हमेशा एक रंग के होने चाहिए न कि रंग बिरंगे।

7. किसी भी प्रकार की हिंसात्मक व डरावनी पेंटिग व सीनरी नहीं लगानी चाहिए।

8. घड़ी को हमेशा पूर्व या उत्तर की दीवार पर लगाया जाये। आपके बैठने के स्थान के सामने घड़ी लगाना अति शुभकारी माना गया है, चूंकि घड़ी समय का प्रतीक है, और समय को हमेशा आगे चलना चाहिए।

9. ड्रॉइंग रूम में यदि आप भोजन भी करते है तो, डाइनिंग टेबल को आग्नेय कोण की दिशा के मध्य में रखना चाहिए जिससे आप स्वस्थ्य एंव मस्त रहेंगे।

10. कभी भी ऑफिस में बॉस का कैबिन सबसे पहले नहीं होना चाहिए। प्रवेश द्वार के समीप किसी ऐसे सहायक का कक्ष हो जो आने वालों को जानकारी उपलब्ध करवा सके।

उपरोक्त सुझावों को ध्यान में रखकर ड्रॉइंग रूम बनाया जाये तो, विभिन्न प्रकार की समस्याओं से बचा जा सकता है।